आचार्य कुंतक का अर्थ
[ aachaarey kunetk ]
आचार्य कुंतक उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- वक्रोक्ति सिद्धांत के प्रवर्तक:"कुंतक ने अपने ग्रंथ वक्रोक्ति जीवितम् में वक्रोक्ति को काव्य की आत्मा कहा है"
पर्याय: कुंतक, आचार्य कुन्तक, कुन्तक
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- इसके नाम में आचार्य कुंतक का वक्रोक्ति अलंकार है .
- आचार्य कुंतक ने इन प्रश्नों का बहुत सुंदर समाधान प्रस्तुत किया ।
- आचार्य कुंतक ने वक्रोक्तिजीवित नामक उत्कृष्ट ग्रंथ लिखकर वक्रोक्ति-सम्प्रदाय की स्थापना की।
- संस्कृत के ही एक दूसरे बड़े आचार्य कुंतक ने इस प्रश्न का बहुत सुन्दर समाधान प्रस्तुत किया है .
- आचार्य कुंतक ने कवि-कर्म कुशलता की जो बात की है , वह इन दोनों प्रक्रियाओं के साथ सम्पृक्त हैं।
- आचार्य कुंतक ने वक्रोक्ति के भेदों एवं उपभदों के अंतगर्त शब्द एवं अर्थ उत्पन्न होने वाली विच्छति के नियामक तत्त्वों का सुक्ष्म विश्लेषण भाषा के धरातल पर आधारित है।
- काव्यशास्त्र के विद्वान और अलंकारों के सिद्धांतकार आचार्य कुंतक की आत्मा अगर स्वर्ग में होगी तो अपने अनुप्रास अलंकारों के इस नए अवतार को देखकर खुश हो रही होगी।
- काव्यशास्त्र के विद्वान और अलंकारों के सिद्धांतकार आचार्य कुंतक की आत्मा अगर स्वर्ग में होगी तो अपने अनुप्रास अलंकारों के इस नए अवतार को देखकर खुश हो रही होगी।
- ( 4) वक्रोक्ति संप्रदाय की उद्भावना का श्रेय आचार्य कुंतक को (10 वीं शताब्दी का उत्तरार्ध) है जिन्होंने अपने “वक्रोक्ति जीवित” में “वक्रोक्ति” को काव्य की आत्मा (जीवित) स्वीकार किया है।
- संस्कृत के ही एक आचार्य कुंतक व्याख्या करते हैं कि जब शब्द और अर्थ के बीच सुन्दरता के लिये स्पर्धा या होड लगी हो , तो साहित्य की सृष्टि होती है।